29 विदेशी लोगो के खिलाफ जमात में शामिल हो क्र टूरिस्ट वीजा की शर्तो का उल्लंघन करने पर महामारी एक्ट , आपदा प्रबंधन एक्ट आईपीसी की कई धाराओ और प्रावधान के तहत केस दर्ज किया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ाओरंगबाद बेंच के जस्टिव टीवी नलवडे और जस्टिस एमजी ने तीन अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये कड़ी प्रतिक्रिय दी livelaw के मुताबिक ,कोर्ट ने सुनवाई दौरान कहा;
जब महामारी आती है तो सरकार बलि का बकरा ढूढ़ने की कोशिश करती ही और हालात बताते है की इन विदेशियो को बलि का बकरा बनाया गया ऊपर कही बात और भारत में संक्रमाद के लेटेस्ट आकड़े बताते है की याचिकाकर्ताओं के साथ ऐसी कार्यवाही नहीं की जनि चाहिए थी ये समय विदेशियो के खिलाफ की गयी इस कार्यवाही से नुक्सान भरपाई का समय समय है.
याचिकर्ताओं का तर्क
तंजानिया घाना इंडोनेशिया और अलग अलग देशो के याचिकर्ताओं ने तर्क दिया की वो सरकार की तरफ से जारी वेध जीजा पर भारत आय थे. एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग और कोरोना वाइरस टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने की अनुमति दी गयी.
याचिकर्ताओं ने कहा की उन्होंने अहमदनगर जिले में आने के बाद इसकी जानकारी डीएसपी को दी थी. कोरोना वाइरस लोखड़ौन के कारन मूवमेंट बंद हो जाने के बाद मस्जिद में उन्हें जगह दी गयी याचिका में कहा की मरकज़ में भी उन्होंने डिस्टेंसिंग का पालन किया।
मिडिया कवरेज की आलोचना
कोर्ट ने इस पुरे मामले पर मिडिया कवरेज की भी आलोचना की और इसे प्रोपगेंडा बताया। कोर्ट ने बताया की दिल्ली मरकज़ में आने वाले विदेशियों के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में बड़ा प्रोपगेंडा चलाया गया और इस तरह की तस्वीर पेश करने की कोशिश की गयी की भारत में civid 19 फैलने के पीछे इन विदेशियों का हाथ है
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