इस दौरान गावं में खुर्शीद का पार्थिव शव पोहचा तो उनके लोगो ने हिंदुस्तान ज़िंदाबाद भारत माता की जय और खुर्शीद खान अमर रहे के नारे लगाय। ग्रामीडो ने पकिस्तान मुर्दाबाद के भी नारे लगाय। शहीद का शव गावं में पोहोचते ही गावं के सभी लोग बहार निकल गए और सड़क किनारे खड़े हो गए। युवाओ की टोली ने हाथो में तिरंगा लेकर शहीद को सामान दिया।
रोहतास केडीएम पंकज दीक्षित ने पीड़ित परिवार को 11 लाख रूपए का चेक दिया इसके बाद शहीद के परिजनों को सरकार ने 36 लाख रूपए देने की घोसड़ा की है जिसमे 25 लाख रूपए मुख्यमंत्री रहत कोस में दिय जायँगे। इसके आलावा परिवार के किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी भी दी जायगी।
श्रद्धांजलि देने वालो में विधायक संजय यादव के आलावा सीआरपीएफ के कई जवान मौजूद रहे। गावं के सभी लोग मौजूद रहे।
शहीद के चाचा मतीन खान ने बताया की अगर उनके परिवार के और बच्चे की ज़रूरत पड़ी तो वो देख की सीमा पर जाने को तैयार है।
शहीद खुर्शीद खान के 4 भाई है वो परिवार में सबसे बड़े थे। खुर्शीद खान की 3 बेटिया है उनकी 13 साल की जाहिदा 8 साल की समरीन और 5 साल की अप्सा और उनकी पत्नी नगमा रो रो क्र बुरा हाल है।
खुर्शीद के परिजन ने बताया की 28 तारीख की रात वो जम्मू खश्मीर गए थे। सुबह शाम हमारी फोन पर बात भी होती थी। खुर्शीद खान की नौकरी 2001 में सीआरपीएफ में लगी थी। पूरे परिवार को वही चलते थे।
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